Johny V/S Nikkiy
11जुलाई 2016 जिस दिन मेरे बेटे जयदीप सिंह की मंगनी हरनीत कौर D/O जगजीत सिंह R/o WZ-20E Gali No. 1 ti 2, Sant Garh Tilak Nagar Delhi से चस्का वेंकट हाल पीतमपुरा में हुई थी।
6 दिसंबर 12016 जिस दिन मेरे बेटे जयदीप सिंह की शादी हरनीत कौर D/o जगजीत सिंह से होनी तय हुई थी।
उन दिनों शादी से पहले इधर मेरे बेटे की सेक्टर 17 में किराए और पार्टनरशिप में रैडी मेड लेडीज कपड़ों की दुकान थी। जिससे उसका गुजारा हो रहा था।
उधर मेरे समधी स जगजीत सिंह का टैंक रोड़, करोलबाग में जीन/पेंट्स की सप्लाई का काम था।
उधर मेरे समधी स जगजीत सिंह का टैंक रोड़, करोलबाग में जीन/पेंट्स की सप्लाई का काम था।
उनकी और हमारी एक किस्म की रिश्तेदारी पहले से ही थी कि मेरा बड़ा भाई रघबीर सिंह और मेरा समधी सांडू भाई हैं यानी मेरी बहु मेरी भाभी की बहन की लड़की है।
क्योंकि एक ही घर में गेटूगैदर से हम परिवार एक दूसरे को लगभग अच्छी तरह से जानते थे, सो मुझे यह लड़की हरनीत कौर निक्की अपने बेटे के लिये जँच गई और स्वंय मैंने ही अपने भाई व उनके साला साब जिनकी वो लड़की भांजी लगती थी, से रिश्ते की बात छेड़ी। जो एक दो महीने की टालमटोल व हां ना के बाद 11 जुलाई 2016 को सगाई की रस्म की तारीख तय हुई।
कहानी के इस हिस्से में यह बात खोलनी जरूरी है कि लड़की के पिता द्वारा मंगनी से पहले लेनदेन की असमर्थता व मेरी तरफ से दहेज न लेने का वादा हुआ था। सो मैंने रिंग सेरेमनी की रस्म के लिये अपने बेटे को लड़की की तरफ से पहनाये जानी वाली अंगूठी स्वंय बनवा कर बिरादरी के पर्दे में अपने समधी के हाथों दी थी कि उनकी इज्जत बनी रहे। जिसकी रसीद भी मेरे पास है। मंगनी के बाकी के 50 हजार के खर्चे में से भी 10 हजार रुपये मेरे समधी ने मेरे बेटे के एकाउंट में डाले थे। इसके इलावा जो सगुन के पैसे मझे, मेरे बेटे को या संबधियों के मिले, जो करीब पांच छह हजार थे। इसके इलावा एक फ्रूट की टोकरी व पांच डिब्बे मिठाई के थे।
हमारी तरफ से भी लड़की को अंगूठा व कुछ मिठाई के बॉक्स थे।
कहानी के इस हिस्से में यह बात खोलनी जरूरी है कि लड़की के पिता द्वारा मंगनी से पहले लेनदेन की असमर्थता व मेरी तरफ से दहेज न लेने का वादा हुआ था। सो मैंने रिंग सेरेमनी की रस्म के लिये अपने बेटे को लड़की की तरफ से पहनाये जानी वाली अंगूठी स्वंय बनवा कर बिरादरी के पर्दे में अपने समधी के हाथों दी थी कि उनकी इज्जत बनी रहे। जिसकी रसीद भी मेरे पास है। मंगनी के बाकी के 50 हजार के खर्चे में से भी 10 हजार रुपये मेरे समधी ने मेरे बेटे के एकाउंट में डाले थे। इसके इलावा जो सगुन के पैसे मझे, मेरे बेटे को या संबधियों के मिले, जो करीब पांच छह हजार थे। इसके इलावा एक फ्रूट की टोकरी व पांच डिब्बे मिठाई के थे।
हमारी तरफ से भी लड़की को अंगूठा व कुछ मिठाई के बॉक्स थे।
शादी की तारीख के लिये मिले समय के हिसाब से करीब छह महीने बाद दिसम्बर को तय होंनी थी
पर मेरे समधी ने शादी के लिए पैसा न होना, अपना मकान बेच देने वाली बात कही। जबकि मैंने उन्हें ऐसा न करने व सादा विवाह 10-15 रिश्तदारों की रोटी ही करने की बात रखी। पर उसने शायद अपनी बिरादरी को देखना था, जिसके लिए पैसे न होने की सूरत में अगले साल तक टालने की कोशिश करने लगा।।
पर मेरे समधी ने शादी के लिए पैसा न होना, अपना मकान बेच देने वाली बात कही। जबकि मैंने उन्हें ऐसा न करने व सादा विवाह 10-15 रिश्तदारों की रोटी ही करने की बात रखी। पर उसने शायद अपनी बिरादरी को देखना था, जिसके लिए पैसे न होने की सूरत में अगले साल तक टालने की कोशिश करने लगा।।
तभी किसी चमत्कार जैसी एक बात हुई कि मेरे भतीजा जो उस लड़की का भी मौसेरा भाई लगता था, ने शादी का खर्चा अपने ऊपर लेने की ऑफर के साथ दिवाली के दिनों में ही शादी की रस्म करने की बात कही। इस जल्दी का भतीजे ने एक जो कारण बताया कि उसकी बहन के परिवार जो मुम्बई में रहता था , का छुटियों में दिल्ली विजिट थी।
इसके लिए मैं तो राजी था पर समधी को जल्दी नहीं थी, फिर भी आखिर 6 दिसम्बर को तारीख तय हुई। और दोनों तरफ से तैयारी होने लगी।
इसी बीच जो बातें तब नोट करने वाली थी, उसे इग्नोर करने के मेरे फैंसले ने जो दिन अब देखने पड़ रहे हैं।
मंगनी व शादी की तारीख तय होने के बाद जैसे कि आम होता है , लड़का लड़की मोबाइल, फेसबुक व व्हाट्सएप्प पर बातचीत करने लगे। कभी हंसते, कभी रूठते , एक दिन लड़की ने पूरी गंभीरता के साथ मेरे बेटे को बताया कि मेरा मन तुमसे शादी करने को नहीं है, मैं किसी और क्लीन शेव जस्सी बॉय फ्रेंड (नाम बाद में मालूम हुआ) से प्यार करती हूं।। जिससे मेरे बेटे का मूड ऑफ रहने लगा। उसने यह बात हमें शादी के क्लेश शुरू होने के बाद बताई। जॉनी ने उससे कहा भी अगर तुम अपने माँ बाप से यह बात कह नहीं सकती तो मैं बात अपने ऊपर लेकर इनकार कर देता हूँ, तो उसने कहा कि मेरे ममी पापा को मालूम है। वो मेरी शादी बिरादरी में बदनाम न होने की वजय से उससे नहीं कर पा रहे है। इधर तुम्हारे साथ मंगनी भी हो गई है।। तब मेरे बेटे ने उससे कुछ दिनों के लिये सम्पर्क तोड़ लिया और समस्या का हल खोजने लगा। बाद में न जाने किस कारण लड़की ने अपनी पहली वाली बात को मज़ाक बताया, सॉरी किया, मनाया और शादी की शापिंग शुरू हो गई।
इसके लिए मैं तो राजी था पर समधी को जल्दी नहीं थी, फिर भी आखिर 6 दिसम्बर को तारीख तय हुई। और दोनों तरफ से तैयारी होने लगी।
इसी बीच जो बातें तब नोट करने वाली थी, उसे इग्नोर करने के मेरे फैंसले ने जो दिन अब देखने पड़ रहे हैं।
मंगनी व शादी की तारीख तय होने के बाद जैसे कि आम होता है , लड़का लड़की मोबाइल, फेसबुक व व्हाट्सएप्प पर बातचीत करने लगे। कभी हंसते, कभी रूठते , एक दिन लड़की ने पूरी गंभीरता के साथ मेरे बेटे को बताया कि मेरा मन तुमसे शादी करने को नहीं है, मैं किसी और क्लीन शेव जस्सी बॉय फ्रेंड (नाम बाद में मालूम हुआ) से प्यार करती हूं।। जिससे मेरे बेटे का मूड ऑफ रहने लगा। उसने यह बात हमें शादी के क्लेश शुरू होने के बाद बताई। जॉनी ने उससे कहा भी अगर तुम अपने माँ बाप से यह बात कह नहीं सकती तो मैं बात अपने ऊपर लेकर इनकार कर देता हूँ, तो उसने कहा कि मेरे ममी पापा को मालूम है। वो मेरी शादी बिरादरी में बदनाम न होने की वजय से उससे नहीं कर पा रहे है। इधर तुम्हारे साथ मंगनी भी हो गई है।। तब मेरे बेटे ने उससे कुछ दिनों के लिये सम्पर्क तोड़ लिया और समस्या का हल खोजने लगा। बाद में न जाने किस कारण लड़की ने अपनी पहली वाली बात को मज़ाक बताया, सॉरी किया, मनाया और शादी की शापिंग शुरू हो गई।
6 दिसम्बर 2016 की शादी के लिये मेरे भतीजे की जिम्मेवारी में 150 बाराती का आमंत्रण निश्चित हुआ । उधर से कुछ गहने, इधर से कुछ गहने बतौर सगुन, हमारी तरफ से 50 हजार के लड़की के कपड़े (वरी) बिना किसी फर्नीचर (अलमारी, डबल बेड, बिस्तरा ) बिना किसी कैश (11 लिफाफे 500 रुपये के मिलनी के छोड़) हमारी तरफ से साली को सोने की तथा सहेली को चांदी की , 21-21 सौ रुपये नाका बन्दी व जूता चुराई को छोड़ ) लेनदेन नहीं हुआ। और हम अपने ही दिए सूट में लड़की को डोली में बिठा के घर ले आए।
भतीजे द्वारा कितना या उनकी किसी बिरादरी द्वारा शादी के खर्च की क्या हिस्सेदारी हुई, जिसकी मुझे कोई जानकारी नहीं है। जबकि मेरी तरफ से रिंग सेरेमनी,बकीर्तन, पार्टी, गोल्ड, बारात, रिसेप्शन , हिजड़ा सगुन मिलाकर छह लाख खर्च हो गए, जिसका लेखा जोखा लिखित में मेरे पास है।
भतीजे द्वारा कितना या उनकी किसी बिरादरी द्वारा शादी के खर्च की क्या हिस्सेदारी हुई, जिसकी मुझे कोई जानकारी नहीं है। जबकि मेरी तरफ से रिंग सेरेमनी,बकीर्तन, पार्टी, गोल्ड, बारात, रिसेप्शन , हिजड़ा सगुन मिलाकर छह लाख खर्च हो गए, जिसका लेखा जोखा लिखित में मेरे पास है।
शादी के एक साल के अंदर हमारा परिवार दो बार अमृतसर, एक बार आनन्दपुर, एक बार ताजमहल और एक बार मणिकर्ण, कुल्लू मनाली by road प्राइवेट कार से हो आया । फिर भी उसका एक आरोप जो बाद में लगा कि हम उसे कहीं घुमाने
नहीं ले जाते। इसी बीच वो लड़की जब भी मायके जाती अपने पति को सीढ़ी के नीचे से ही see ऑफ़ कर देती कि मेरे बाप गरीब हैं, मैं उन पर तुम्हारे लिये लगने वाली खाने की प्लेटों का बर्डन नहीं डालना चाहती। एक दो बार वो गया भी, तो उन्होंने एक साधारण गली का कुत्ता पाल रखा है, को खुला छोड़ देते। ऐसा ही एक बार मैं जब उन्हें किसी शादी से लिफ्ट देकर छोड़ने गया तो कुत्ते को मेरी गाड़ी में छोड़ कर दरवाज़ा बन्द कर दिया। क्योंकि मेरा व मेरे बेटे का दिल थोड़ा कमज़ोर है, ऐसी दहशत बर्दाश्त नहीं कर सकते। तो लड़की को छोड़ मेरा व मेरे बेटे का उनके घर आना जाना बंद हो गया।
नहीं ले जाते। इसी बीच वो लड़की जब भी मायके जाती अपने पति को सीढ़ी के नीचे से ही see ऑफ़ कर देती कि मेरे बाप गरीब हैं, मैं उन पर तुम्हारे लिये लगने वाली खाने की प्लेटों का बर्डन नहीं डालना चाहती। एक दो बार वो गया भी, तो उन्होंने एक साधारण गली का कुत्ता पाल रखा है, को खुला छोड़ देते। ऐसा ही एक बार मैं जब उन्हें किसी शादी से लिफ्ट देकर छोड़ने गया तो कुत्ते को मेरी गाड़ी में छोड़ कर दरवाज़ा बन्द कर दिया। क्योंकि मेरा व मेरे बेटे का दिल थोड़ा कमज़ोर है, ऐसी दहशत बर्दाश्त नहीं कर सकते। तो लड़की को छोड़ मेरा व मेरे बेटे का उनके घर आना जाना बंद हो गया।
अब बात आती है उस घटना की जो भी जोनि ने क्लेश बढ़ने पर ही बताई हुआ यूं कि जो शादी के दो एक महीने की बात है कि एक दिन लड़की का मोबाइल बजा, वो बाथरूम में थी, तो कुदरती उसे देखने के लिए मोबाइल उठा लिया। क्योंकि उसे अपनी बीवी पर शक शादी से पहले ही था । मोबाइल की जांच में व्हाट्सअप पर किसी जस्सी नाम से चैटिंग के दस बारह पेज थे। जिसमें एक आध पढ़ने के बाद जोनि को न जाने क्या सूझी कि उसने सभी पेज जितना हो सके स्क्रीन शॉट से फोटो खींच लिये और अपने मोबाइल में फारवर्ड कर लिए और उसके मोबाइल को अपने मोबाइल की रिकॉर्डिंग के साथ जोड़ लिया। जिसका उसे बाद में शक हुआ तो वो रिकॉर्डिंग हट गई।
इस बात से व सारी चैटिंग पढ़ कर मेरा लड़का टेंशन में आ गया और शाम को अपनी पत्नी से बात करी, पर वो अपनी कोई गलती मानने, माफी मांगने को तेया न हुई। और उससे बात बात पर क्लेश करने लगी। यहां मैं एक बात बता दूं कि वो चैटिंग शादी से पहले की होती तो माफ किया जा सकता था, जबकि वो रिकॉर्डिंग शादी के बाद की थी कि वो लड़का अब भी उसके सम्पर्क में था। पूछने पर जवाब यह मिलता है कि मैंने तो तुन्हें पहले ही बता दिया था।। पर अब शादी के बाद भी उससे दोस्ती क्यों।
बस तबसे ही झगड़े बढ़ने लगे जिसमे कई बार उसके मा बाप बात सुलझाने समझाने आये कई बार रूठ कर अपने आप मायके बिना किसी की इजाजत के जाने लगी।
अपने पर्सनल कामों के इलावा उसने कभी परिवार व घर के काम में हाथ नहीं बंटाया। उसके घर वालों में से किसी के समझाने पर एक आध बार हफ्ते दो हफ्ते में कोई काम कर भी ले तो दस बार सुनाती है कि आज मैंने रोटियां सेंकी। उससे कई बार कहा गया कि घर का काम नहीं आता, तो कोई नौकरी ही कर ले, बेशक अपनी इनकम अपने पास रख, पर उसने इनकार कर दिया। पूरे दिन में 15 घण्टे सोना उसका जैसे नियम था। इतनी आलसी लड़की मैने कहीं नहीं देखी।
मेने अपने घर की समस्या को बहुत ज्यादा उलझते देख उस लड़की के मामा व अपने भाई से बात की। पर वो सिवाए अपनी छोटी बहन के किसी का कहना मानने को तैयार नहीं थी।
तो बहुत बार उनकी तरफ से ज़ोर पर भी बात नहीं बनी तो एक दूसरे को छोड़ने की बात भी छिड़ी। पर एक ऐसा कारण था कि हम सब बिरादरी वालों को वो निर्णय भी डिले करना पड़ा कि वो पेगनेट हो चुकी थी।
इसी आशा में कि बच्चा होने परअब शायद सुधर जाएं उस शुभ घड़ी का इंतजार करने लगे। पर उस दौरान भी यह क्लेश कर मायके झगड़ा कर गई।
इसी बीच उसे तरह तरह के दौरे पड़ने लगे गए इतना अग्रेसिव हो जाती कि पहने हुए गहने सहित सब कुछ इधर उधर फैंकने लगी। एक बार तो इसके द्वारा गुस्से में अपने अकेले में बैडरूम का डोर बन्द कर बैठी तो मुझे खिड़की के कूलर हटा चिटकनी तोड़नी पड़ी कि कुछ कर न लें । इन सभी घटनाओं के साथ यह एक बारी गैंस पर जलता तेल रख भूल गई जिससे उसकी आग की लपट छत तक टकराई। एक बार वो अपना अकेले में अपना हाथ शरीर गर्म तड़के वाले से जला लिया जिससे जाहिर हो गया कि यह कोई चाँद चढ़ा कर रहेगी। जिससे इसे रसोई का कोई कान देना बंद करना पड़ा। । यह सब घटनाये टोटल नहीं है।
पिछले दिनों हमारे यहां पुलिस आई तो, जैसे मेरी बीवी को जैसे गश आ गया, वो पूरी तरह से टूट गई है। जिसका रिकॉर्ड है कि वो कभी किसी भी समस्या से घबराई नहीं। रही बात पुलिस की बात । वो उससे घबराने व वाली औरत नहीं है। वो तो अपनी बहू के स्वभाव, उसके इनएक्टिव रवैये, आलसी पन, किसी प्रकार के कोई काम न कर पाने की दिलचस्पी को देख कर भी नहीं घबराई, बल्कि वो तो अपनी बेटी जैसी बहु को हमारे जैसे बनाने व ढालने में पूरी तरह से तैयारी में थी। पर वो तो अपने बेटे, बहु, पोते के आने वाले भविष्य को देख, घबराई कि समधी परिवार क्यों अपनी बेटी को शह देकर, बिगाड़ कर, उल्टी सीधी पट्टी पढ़ा, उसके भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहा है? भला हमारे घर क्या कमी है? उसे ऐसा कर क्या मिलेगा?
मेरी बहु के न कोई देवर है न नन्द, न भुआ, सबसे अलग रह रहा हमारा छोटा परिवार का हमारे रिश्तेदारों से न कोई प्रोपर्टी का झगड़ा, अपना मकान, गाड़ी, यहां तक की राशन का स्टोर भी हर समय भरा रहता है और सबसे बड़ी बात उसका अपना छोटा बेटा, जिसे हुए अभी तीन महीने हुए है। उसके होने से पहले या बाद में कोई कमी पेशी, खर्चे में रुकावट रखी हो, तो वो बताये। फिर वो क्यों समझ नहीं पा रही है कि यही परिवार ही उसका सभी कुछ है। हमने न कभी उसे किसी काम को जबरदस्ती करवाना चाहा, न उसके मायके परिवार से कोई सम्मान, सामान की डिमांड रखी, न कभी नौकरी करने को कहा। फिर मझे अब भी अंदाजा यही लग रहा है कि इस भरे पूरे परिवार में कोई भयानक घटना हो कर रहेगी।
जब पिछली बार हमारी निक्की बहु अपने बेटे को पहली दफा अपने मायके गई थी और जगजीत (काका) द्वारा एक कुत्ते को बच्चे के नज़दीक न रखने के
प्रोमिस के बाद मुकरने से शुरू हुई बात से लेकर आपसी मारपीट, पुलिस के बुलाने से लेकर उनके द्वारा ही निक्की को घर से सामान सहित ले जाने तक की है।
जब हमारी बहु को मायके गए करीब 22 दिन हो गए तो हमें अपनी बहू व पोते की चिन्ता होने लगी। क्योंकि बहु ने ससुराल द्वारा दिया मोबाइल मायके जाते हुए दरवाजे पर फेंक दिया था सो हमारे पास उनका हालचाल जानने व संपर्क रखने में दिक्कत आ रही थी तो मैंने इन सभी घटना की सूचना अपने भतीजे को दी जोकि मेरी बहु का मौसेरा कज़न भी है। उसको सारी डिटेल बता कर उसी द्वारा सन्देश भिजवाया कि तुम जैसे हमारे सभी पड़ोसियों को कह कर गई हो कि अब मैने वापिस नहीं जाना। तो अब क्या विचार है कि साथ रहना है या तलाक लेने है और यदि हां तो बच्चे व अपनी परवरिश के लिए कितने पैसे चाहिए तो उधर से पहले तो जवाब आया कि न मैने वापिस ससुराल आना है, न तलाक चाहिए। और न ही बच्चे का मुंह देखने दूंगी। मिलाना तो दूर की बात है। हम भी उसकी शर्तों पर विचार कर ही रहे थे तभी 8 अगस्त को मेरे भतीजे को लड़की के ताया जसपाल सिंह (जिसका भी कपड़े का कारोबार टैंक रोड करोलबाग में है।)का धमकी भरा फोन आया जिसकी 24 मिंट की रिकॉर्डिंग मैने साथ अटैच्ड कर दी है। जिसमे उसने कई तरह की धमकी दी हैं कि जैसे उसने अपने वाले एक्स जवाई को अपनी बेटी से तलाक दिलवाने के समय जो हाल किया था। या मोटी रकम वसूली थी। वैसे ही तुम्हारा मकान दुकान बेटा तुम सब को सील करवादउँगा। और भी है बहुत कुछ उस टेप में जिसे मेरे भतीजे ने मुझे फॉरवर्ड की थी।
प्रोमिस के बाद मुकरने से शुरू हुई बात से लेकर आपसी मारपीट, पुलिस के बुलाने से लेकर उनके द्वारा ही निक्की को घर से सामान सहित ले जाने तक की है।
जब हमारी बहु को मायके गए करीब 22 दिन हो गए तो हमें अपनी बहू व पोते की चिन्ता होने लगी। क्योंकि बहु ने ससुराल द्वारा दिया मोबाइल मायके जाते हुए दरवाजे पर फेंक दिया था सो हमारे पास उनका हालचाल जानने व संपर्क रखने में दिक्कत आ रही थी तो मैंने इन सभी घटना की सूचना अपने भतीजे को दी जोकि मेरी बहु का मौसेरा कज़न भी है। उसको सारी डिटेल बता कर उसी द्वारा सन्देश भिजवाया कि तुम जैसे हमारे सभी पड़ोसियों को कह कर गई हो कि अब मैने वापिस नहीं जाना। तो अब क्या विचार है कि साथ रहना है या तलाक लेने है और यदि हां तो बच्चे व अपनी परवरिश के लिए कितने पैसे चाहिए तो उधर से पहले तो जवाब आया कि न मैने वापिस ससुराल आना है, न तलाक चाहिए। और न ही बच्चे का मुंह देखने दूंगी। मिलाना तो दूर की बात है। हम भी उसकी शर्तों पर विचार कर ही रहे थे तभी 8 अगस्त को मेरे भतीजे को लड़की के ताया जसपाल सिंह (जिसका भी कपड़े का कारोबार टैंक रोड करोलबाग में है।)का धमकी भरा फोन आया जिसकी 24 मिंट की रिकॉर्डिंग मैने साथ अटैच्ड कर दी है। जिसमे उसने कई तरह की धमकी दी हैं कि जैसे उसने अपने वाले एक्स जवाई को अपनी बेटी से तलाक दिलवाने के समय जो हाल किया था। या मोटी रकम वसूली थी। वैसे ही तुम्हारा मकान दुकान बेटा तुम सब को सील करवादउँगा। और भी है बहुत कुछ उस टेप में जिसे मेरे भतीजे ने मुझे फॉरवर्ड की थी।
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