क्या किया जा सकता
एकाग्र, अपने मन को,
अपनी अभिलाषा को,
वशीभूत कर लेना अपने मन को,
एक कला है। निश्चित है सफलता,
...
मूल मंत्र है, सिद्धिध का,
कर्म का, भक्ति का, ज्ञान का,
योग का । आवेश को, पवित्र व
शांत करती है एकाग्रता ।
स्पष्ट करती है विचारधारा की शक्ति।
मांगती है पवित्रता, एकाग्रता।
@गंभीर/
क्या किया जा सकता
एकाग्र, अपने मन को,
अपनी अभिलाषा को,
वशीभूत कर लेना अपने मन को,
एक कला है। निश्चित है सफलता,
...
एकाग्र, अपने मन को,
अपनी अभिलाषा को,
वशीभूत कर लेना अपने मन को,
एक कला है। निश्चित है सफलता,
...
मूल मंत्र है, सिद्धिध का,
कर्म का, भक्ति का, ज्ञान का,
योग का । आवेश को, पवित्र व
शांत करती है एकाग्रता ।
स्पष्ट करती है विचारधारा की शक्ति।
मांगती है पवित्रता, एकाग्रता।
@गंभीर/
कर्म का, भक्ति का, ज्ञान का,
योग का । आवेश को, पवित्र व
शांत करती है एकाग्रता ।
स्पष्ट करती है विचारधारा की शक्ति।
मांगती है पवित्रता, एकाग्रता।
@गंभीर/
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