Tuesday, 13 February 2018

गनबीर

वीर जी द्वारा 'वाहिगुरू आख' के इलावा कोई उधर से रिप्लाई नहीं आ रहा है, मुझे कोई सलाह दे विक्की। में बहुत परेशान हुन

आप मेरे से बात क्यों नहीं करते। इस मुशिकल घड़ी में मैं और कहां जाऊं। मैं आपसे कोई पैसे नहीं मांग रहा हूँ, सिर्फ सलाह मांगनी है। ठीक है, मेरे से पहले गलती हुई जो जबरदस्ती जोनी की शादी आप के मना करने में करवाई। उस गलती की सज़ा जीते जी अपने बेटे को नहीं भुगतने दूंगा।  मैं निक्की को अपनी बेटी मानते हुये उसकी दूसरी शादी जिसको वो अभी भी चाहती है, का खर्चा करने को तैयार हूं । जगजीत को भी जो जायज हो पैसे दे दूंगा । यदि अगमदीप हमारा है तो उसे हमें सोंप दें नहीं तो लिखा पढ़ी करवा दें । मुड़ कर हम आपको अपनी शक्ल तक नहीं दिखाएंगे। वैसे भी हमने अपने मकान बेच दिए हैं। कहीं दूर सकून में रहने का विचार है। प्लीज बात तो करें गुरमीत 12/2/2018

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