वीर जी द्वारा 'वाहिगुरू आख' के इलावा कोई उधर से रिप्लाई नहीं आ रहा है, मुझे कोई सलाह दे विक्की। में बहुत परेशान हुन
आप मेरे से बात क्यों नहीं करते। इस मुशिकल घड़ी में मैं और कहां जाऊं। मैं आपसे कोई पैसे नहीं मांग रहा हूँ, सिर्फ सलाह मांगनी है। ठीक है, मेरे से पहले गलती हुई जो जबरदस्ती जोनी की शादी आप के मना करने में करवाई। उस गलती की सज़ा जीते जी अपने बेटे को नहीं भुगतने दूंगा। मैं निक्की को अपनी बेटी मानते हुये उसकी दूसरी शादी जिसको वो अभी भी चाहती है, का खर्चा करने को तैयार हूं । जगजीत को भी जो जायज हो पैसे दे दूंगा । यदि अगमदीप हमारा है तो उसे हमें सोंप दें नहीं तो लिखा पढ़ी करवा दें । मुड़ कर हम आपको अपनी शक्ल तक नहीं दिखाएंगे। वैसे भी हमने अपने मकान बेच दिए हैं। कहीं दूर सकून में रहने का विचार है। प्लीज बात तो करें गुरमीत 12/2/2018
विक्की बेटे, सत श्री अकाल। मैं आप का चाचा मीता।
मुझे नहीं पता, मेरे और मेरे परिवार के प्रति आपके परिवार को हमारे घर के क्लेश संबधी क्या सूचनाएं मिल रही हैं जो आपने हमारे से जो संबध विच्छेद कर लिया है।
जब पिछली बार हमारी निक्की बहु अपने बेटे को पहली दफा अपने मायके गई थी और जगजीत (काका) द्वारा एक कुत्ते को बच्चे के नज़दीक न रखने के
प्रोमिस के बाद मुकरने से शुरू हुई बात से लेकर आपसी मारपीट, पुलिस के बुलाने से लेकर उनके द्वारा ही निक्की को घर से सामान सहित ले जाने तक की है। जिसकी जानकारी उसी समय आपके परिवार के किसी न किसी सदस्य को दे दी गई थी।
आप द्वारा हमारे से किसी प्रकार की सफाई न मांगे जाने के दो कारण लिये मैं बहुत दिनों से क्षुब्ध था।
खैर आपका मन मस्तिष्क, व हक है कि अपने मन में हमारे प्रति हमारे आचरण, व गुस्से के क्या कारण होने चाहिए, उसका फैंसला लेने का। उसमें हमारा कोई ज़ोर नहीं। और न ही हमें पता है कि मेरे भाई व मेरी भतीजियों को हमारे प्रति क्या किसी न उकसाया है कि वो हमें आजतक पोते को देखना तो दूर की बात , बधाई तक देने की फुर्सत नहीं है।
खैर इस बात को भी छोड़ो। अब क्योंकि दोनों पार्टियों का फैंसला है कि हमने आगे से नहीं निभानी, तो बीच में लिखा पढ़ी के लिए किसी को तो पड़ना ही पड़ेगा।
मैं सोचता हूँ कि की किसी कारण भी हमें अब अपने अनहद का मोह नहीं है और कानून भी उसे अपनी मां के पास रखने का हक देता है और निक्की भी हमें व सारे मोहल्ले में कह आई है कि मुझे अब यहां नहीं रहना और अब वापिस नहीं आउंगी।
यदि आप लोग राज़ी हों तो लेन देन व गोल्ड वापसी की प्रकिर्या में गवाह बने। बशर्ते कोर्ट जाने के। क्योंकि हमारी आपसी रजामंदी है कि अलग हो जाएं।
उसको साथ न रखने का एक कारण जो लेटेस्ट व बहुत अजीब है कि निक्की द्वारा सरे आम मेरी बचपन की लाइफ में चालीस साल पहले सुनी गई रंडी वण्डी, सियापा, तू तड़ाक जैसी गालियां को छोड़ भी दो तो अब नई धमकियां कि मुझे सुते ही सुला देना, जोनि को पकोड़ों की डिमांड पर घर में सरसों के तेल को गर्म कर जला देना व वापसी अकेले में गोल्ड वापिस न करने की सुरत में इनका सारा परिवार कफ़न डाल लें।यह धमकियां कहीं हकीकत न हो जाएं, जिसका डर हमें अब उसे साथ न रखने से सावधान करता है। बातें बहुत हैं और on the recorded हैं करने का कोई फायदा नहीं। कृपया अलग करने का फैंसला करवा दीजिये। बहुत मेहरबानी। तम्हारा मित्ता चाचा। Aug 2, 2018
Reply from vicky
Mai aggei baat kerta hui but koi vadda nahi ker sukta bcs mere akkle ki nahi chalti or na hi mani jati hai
Bakki mai sub ko infrom ker deta hui bakki sare milker koi fasla le or aagei aaye
Ek sath
Bcs ye kaam badhei hi mil ker ker suktei hai per humare badho mei aub takat nahi hai sahi or galt ka fasla kernei ki or na nahi jantei hui sahi galt kya hai tub bhi osko sahi kehnei ki
Bakki rub hai sub thik kere sub sukhi rahe
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