मिसाल के तौर पर हमारा कोई नेता है जिसकी हम लोग किसी न किसी बात की निंदा करते हैं, मजाक उड़ाते हैं । यदि उसकी हाथी की चाल में कोई फर्क नहीं आता तो वह प्रशंसनीय है । इसलिये नहीं कि उसके कर्तव्य निष्ठा या निष्ठाहीन हैं बल्कि इसलिये कि उस का रुतबा इतना ऊंचा है कि वो हम जैसे ऐरे गैरे को पर्सनली जानता तक नहीं। और हमे भी पता है कि जब तक उसके पास पावर है हम सीधे रास्ते उसका कुछ बिगाड़ भी नहीं सकते। यही बड़े आदमियों की बेपरवाही कहलाती हैं और हमारी बेबसी।
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