हम यदि सफेद झूठ बोल सकते हैं, तो हम कतई किसी पर विशवास करना नहीं सीख सकते ।, लेकिन खुद पर अपना भरोसा दिलाना हो तो?
हम खुद से दूसरों के बोले जाने वाले झूठ को पहचानेंगे तभी स्वयं में विश्वास रखना और अपनी भावनाओं पर भरोसा करना सीखेंगे।
हालाँकि, यह बहुत ज़रूरी है कि हम खुद पर, अपने निर्णयों पर और अपनी क्षमताओं पर विश्वास करना सीखें।
इससे दूसरों द्वारा आप पर विश्वास करने की और भरोसा करने की संभावना भी बढ़ जाएगी।
Seriously
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