Monday, 12 March 2012

आभार !

'बिजली' से संबंधित व शिक्षित वयक्ति अच्छी तरह जानते हैं कि इस लाइन में 'अर्थ' की कितनी महत्वपूर्ण भूमिका है| इसके बगैर बिजली के क्षेत्र में विकास मायने नहीं रखता | 'अर्थ' यानि पृथ्वी | पृथ्वी के इलावा चार नेचुरल तत्व हैं पानी, आग, हवा और सपेस (आकाश) | यहाँ तक कि विज्ञान भी इन की सहायता लिए बगैर कोई विकास नहीं कर सकता | हमारा शरीर भी इन्हीं तत्वों से बना है | सो हमें इस कुदरती नियम के अधीन रह कर गंभीरता से सोचना और समझना होगा कि इस नैचुरल बयूटी को बनाने वाले की कितनी कदर या आभार प्रगट करते हैं ?

No comments:

Post a Comment