कल ही मैं Zee Punjabi चैनल पर 7:30 PM बजे कोई बोटनी संबंधित फूल, पत्ती, पेड़, पोधों का परोगराम देख रहा था. जिसमें एक विज्ञानिक डा. आर. के. कोहली ने बहुत-सी महत्वपूर्ण बातों का जिक्र किया. कुछ बातें जो मुझे जानकारी पूर्ण लगी जिनको में आपके स...मक्ष रख रहा हूँ :-
1) पोधों के नजदीक कहीं हल्का संगीत बज रहा हो तो उनकी गरोथ बड़ती है.
2) उनसे जितना अधिक फूल मांगोगे मतलब तोड़ोगे. वो और अधिक फूल तो जरुर देगा पर उसकी अपनी गरोथ कम रह जाएगी. यानि अपना आप (होंद) खो देगा.
3) हमारे अपने देश के पेड़ पोधों की नस्ल का मेजर पार्ट एक्सपोर्ट हो जाता है.
4) जोड़ें पोधों में किसी एक को काट दिया जाए या मर जाए दूसरा अपने आप मर जाता है.
5) एक शेर से उन्होंने अपनी बात समाप्त की, जो कुछ इस तरह है :-
" ढूँढते रह जाओगे, लापता हो जाउंगा मैं.
यहीँ कहीँ हूँ, ढूँढ लो, दुनिया की भीड़ में."
1) पोधों के नजदीक कहीं हल्का संगीत बज रहा हो तो उनकी गरोथ बड़ती है.
2) उनसे जितना अधिक फूल मांगोगे मतलब तोड़ोगे. वो और अधिक फूल तो जरुर देगा पर उसकी अपनी गरोथ कम रह जाएगी. यानि अपना आप (होंद) खो देगा.
3) हमारे अपने देश के पेड़ पोधों की नस्ल का मेजर पार्ट एक्सपोर्ट हो जाता है.
4) जोड़ें पोधों में किसी एक को काट दिया जाए या मर जाए दूसरा अपने आप मर जाता है.
5) एक शेर से उन्होंने अपनी बात समाप्त की, जो कुछ इस तरह है :-
" ढूँढते रह जाओगे, लापता हो जाउंगा मैं.
यहीँ कहीँ हूँ, ढूँढ लो, दुनिया की भीड़ में."
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