#अनमोल_जीवन #PreciousLife
कुछ न कुछ, काम (work) करते रहना,जो हमें बोरियत,अपराध तथा बेकार की जरूरतों को दूर रखता है ।
जो हम कई काम, दिन-भर, बार बार करते हैं, वो या कुछ अच्छे तथा कुछ बुरे होते हैं, जो एक 'कला' नहीं अपितु हमारी आदत-भर हैं।
क्यों न कुछ ऐसे काम करें, जो हमारे अंदर छिपी बैठी 'कला' को समर्पित हो, जिसे बाहर निकालने से मन की शान्ति उत्तपन हो, मस्तिष्क का ज्ञान अर्जित हो, आत्मा की मैल उतरे, तथा तन को ऊर्जा मिले ।
समय निकाल कर, एक बार #गंभीर ता से सोचें कि हमारे अंदर, ऐसी क्या 'कला' है, जो इस खाली समय, उपरोक्त उपलब्धियों को वास्तविकता में बदल दे ।
वर्ना, जिंदगी तो अन्य जानवर की भी यूँ ही निकल जाती है बोरियत में ।
हममें और उसमें फर्क क्या रह गया ? कारण जानिये, कि इस जीवन को आध्यात्मिक तौर पर #अनमोल_जीवन क्यों कहा गया है ।
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