जब किसी राज्य में अकाल पड़ जाये या बाढ़ आ जाये तो केन्द्र सरकार, दूसरे राज्य के मुख्य मंत्री तथा अधिकारी लोग अन्न, कपड़े आदि कि जरूरतें पूरी करते हैं
पर यदि कहीं #सत्य' का अकाल पड़ जाये तो इस आवश्यकता को वो ही मनुष्य पूरा करेगा जिसके पास पहले से ही 'सत्य' होगा।
#भुत_प्रेत कोई कोई अलग से जून नहीं है | मनुष्य के जीवन में जब सत्य पंख लगा कर उड़ जाता है,तो मनुष्य से बड़ा कोई भुत बेताल नहीं । सत्य न होने से यह मनुष्य अपने जीवन को कोड़ जैसी बिमारी लगा बैठा है ।
गुरू ग्रन्थ साहिब में #आसा_दी_वार' नाम की वाणी में इस सच्चाई को बहुत अच्छी तरह से समझाया गया है ।
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