मैंने अपनी इस अधेड़ उम्र में अपने तथा अपने आसपास के सगे-संबधियों व परिचितों को, अपने बचपन से अब तक की उनके जीवन यात्रा को देख-सुन-पढ़ कर व अपने गुरु जी द्वारा कहे मुख वचन मुताबिक "*अपने कर्मों का भुगतान यहीं इसी धरती पर होना है।*" की वास्तविकता का ज्ञान तस्दीक करता हूँ।
वो सब कर्म चाहे जानबूझ कर किये गए हों या अनजाने में अथवा मज़बूरी वश, उन सब की जानकारी परम् पुरख परमात्मा नाम की एकमात्र शक्ति के कंप्यूटर (बही खाते) में सही व सटीक का रिकॉर्ड सुरक्षित यानि सेव है ।
और मेरी बनी समझ मुताबिक उस हिसाब-किताब के अनुसार अब तक उसके इंसाफ में कोई त्रुटि भी नहीं है कि पुनः विचार की संभावना हो।
#Seriously
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