Saturday, 1 April 2017

प्रेम_इतफाक_से_होता_है

#प्रेम_इतफाक_से_होता_है. !

मैंने अपने दोस्तों को उनकी शादी से पहले अपनी भावी पत्नी के लिए बहुत से सुंदर सपने संजोते देखा है,
पर उन्हें जो मिला उसे 'पहली नज़र' में जब उन्होंने देखा, तो उनके सारे सपने तो पूरे होते नहीं दिख रहे थे, पर अचानक अचन्चेत,से बिना शर्त "YES" हुई थी, क्योंकि सच्चा, संयोगी और सहज़ प्रेम उन पर हावी सा होता दिखा ।

बिल्कुल यही अवस्था पर्मात्मा से प्रेम की होती है। प्रभु से प्रेम भी अचानक और इतफाक के संयोग से सच्चे गुरु की शिक्षा, युक्तियों के बिना भी हो सकती हैं।
परंतु इस सहज़ अवस्था को पाने के लिए कोई कठोर परिश्रम भी नहीं करना पड़ता बल्कि अपने आप को निर्मता में लाकर पाँच अवगुण (काम, करोध, लोभ, मोह, अंहकार) को काबू करने की चेष्ठा कर उस द्वारा दिए जा रहे दुख-सुख को बराबर मान उसके कुदरती नियम को सही मानने का संकल्प करना जरूरी है । जो कि हकीकत है।

परमेश्वर की कुदरत के नियमों से छेड़-छाड़ और उसकी उल्लंघना वर्तमान और भविष्य में बहुत सी आपदाओं को जन्म दे सकतीं हैं. और उसके नियमों को झुठलाना, ज्योतिष ज्ञान की आड़ में लोगों का बेवकूफ बना, व्यर्थ के कर्मकांड में हिस्सा लेना विशेष कर शिक्षित व्यक्ति का, सुझवान बुद्धि का परिचय नहीं देता ।

#Seriously [02-04-2012]

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