Saturday, 1 April 2017

He Casts His Glance of Grace.

ਆਪੇ ਭਾਂਡੇ ਸਾਜਿਅਨ, ਆਪੇ ਪੂਰਣ ਦੇਇ,
ਇਕਨੀ ਦੁਧੁ ਸਮਾਲੀਐ, ਇਕ ਚੁਲੈ ਰਹਿਨ ਚੜੇ।।

ਇਕਿ ਨਿਹਾਲੀ ਪੈ ਸਵਨਿ, ਇਕਿ ਉਪਰਿ ਰਹਿਨ ਖੜੇ।।
ਤਿਨਾ ਸਵਾਰੇ ਨਾਨਕਾ, ਜਿਨ ਕਉ ਨਦਰਿ ਕਰੇ।।

He Casts His Glance of Grace.

He himself  fashioned The Vessel of the body, & fills it.
Into some, milk is poured, while others remain on the fire.

Some lie down & sleep on soft beds, while others remain watchful.
He adorns these upon whom.

He Casts His Glance of Grace.
#Nanak_Says.

प्रभु ने जीव को शरीर रूपी बर्तन दिया है, जसमें उसने कुछ न कुछ डालना ही है, जिनकी किस्मत में उसके कर्मों के अनुसार दुःख-सुख हैं, वो परमात्मा, आप ही डालता है।
जैसे किसी के बर्तन में दूध रूपी आराम है, और किसी के बर्तन को जलते चूल्हे पर खाली ही तपते रहना है, भाव कष्ट सहने है।
कईयों के भाग्य में चैन की नींद और चादर तान के सोना लिखा है, तो कईयों के उनके बिस्तर के ऊपर खड़े रहकर,सुरक्षा के लिए सारी सारी रात चौकीदारी की ड्यूटी लगी है। भाव,
जिन पर परमात्मा की मेहर होती है, उनका जीवन सुधार देता है । #NanakSays

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