Thursday, 26 October 2017

जीवन जीने के विकल्प

प्रश्न; हमें हमारे जीवन के कौन से अच्छे या बुरे कर्म करने का फल मिलने के आसार अधिक लगते हैं:-
1. व्यक्तिगत हित के लिये संगत में की गई पाठ-पूजा या ताउम्र की कुसंगत में हुई मटरगश्ती,
2. ईमानदारी से समाजिक व पारिवारिक दायित्व अथवा बईमानी/रिश्वत से बनाये अपने तथा अपनों के लिए बनाया सम्राज्य,
3. स्वभाविक, संस्कारी, सांसारिक ज्ञान से मिले अपने अंतर्मन में उपजे दूसरे जीव के प्रति सदभाव से किये उपकार की स्वंय द्वारा निभाई निस्वार्थ सेवा, अथवा दूसरों को भी इस दिशा में लाने के प्रयत्न में सहभागी होने की इच्छा का लगाव?
4. या वो अराधना जो एक अनजान व् गुप्त अध्यात्म्क अवस्था कि और प्रेरित करती है, जहां एक आत्मा इस शरीर के मायाविक (पदार्थ) सुख-संसाधन को भुगतने के बाद, परमात्मा में लीन हो, फिर दुबारा न आने के निर्णय ले उसी में समवय हो जाती है, क्योंकि इस जीवन के मिले कर्म व् कर्तव्य के फल स्वरूप मिले सुख-दुःख का भुगतान यहीं हो जाने कि वजय से जो वहां कि सम दृष्टि में इनका कोई ओचित्व ही नहीं रह जाता/

No comments:

Post a Comment