Saturday, 14 January 2017

#महत्वकांक्षा। #Ambition

#महत्वकांक्षा।   #Ambition

पिछले कई वर्षों से एक सवाल मन में था कि कॉलोनी में पार्षद के विज़िट पर उनके स्टाफ के साथ, किसी उद्घाटन में ऍम पी व् मंत्री के साथ,प्रिंट मिडिया के प्रोफाइल पिक्चर में, टी वी, अखबार की तस्वीर में , साथ चलने, दिखने, चिपके हुए से लगने ये लोग कौन हैं, जिनके पास, इतने संघर्ष से जिंदगी जीने का किसी के पास टाइम न होने के बावजूद समय ही समय है ?

पूछने पर किसी ने चम्मचे, पिछलगु, भक्त, सेवक, कार्यकर्ता,इत्यादि बहुत से नाम सुझाए । पर मुझे तसल्ली नहीं हुई ।

आखिर मैंने इनकी एक सूची तैयार की , उनका मोबाइल नम्बर उठा, गुगुल की सहायता से एक सर्च की, तो पाया कि ये वो लोग हैं जिनके अपने या रिलेटिव के नाम या कोई पेट्रोल पंप है या कोई स्कुल, या कोई ठेकेदार है या किसी भी प्रोपर्टी टाइप लाइन का दलाल, या कोई किसी जाति, अल्पसंख्यक का नेता या कोई धार्मिक संस्था का प्रधान ।

बाकि की भीड़, जो अक्सर इन नेताओं के साथ उस पार्टी का झंडा लिए या जिंदाबाद के नारे लगाते हैं, वो दिहाड़ी मजदूर या किसी नशे की आदत से मजबूर, जिनको इन्ही नेताओं के रहमो कर्म से अगली डोज़ मिलनी है ।

रही बात हमारी, जो इनको वेहले या बेवकूफ कहते है, असल में वो नहीं, हम हैं बेवकूफ, जो इनकी इस सेवा की महत्वकांक्षा और मकसद नहीं समझ पाते ।
#lHatePolitics
#Seriously

No comments:

Post a Comment