Sunday, 29 January 2017

To Walk in The Way of His Will

हुक्म रजाई चलणा

प्रश्न; वो हुक्म, जो #नानक_लिखिआ_नालि /साथ लिखा है (With Written) कि जिस को जीव ने मीठा करके मानना है, वो क्या है तथा कैसे #बुझै/समझें (Understands) ?

साथ लिखा है #करम/कर्म (Task) हमारी #किरत/कमाई (Earning) है।

पूर्व कर्म अनुसार हमारा स्वभाव बना है,
जो जीव को विरसा/विरासत (Heritage) से प्राप्त है ।
कर्त अनुसार ही उसरिया/उभरा (Raise) स्वभाव ही जीव के दुखों व सुखों का लेख/खाता (Record) है ।

#प्रवाना/हुक्मनामा (Permit) है ।

जो #मन_मसवाणी/स्याही (Ink) ने #काइआ_कागद"/कोरा कागज़ (Empty Paper) पर जीव के साथ ही लिख दिया है ।
यह  कृत के रूप  में #निरंकार/निर-आकार (Formless) से लिखा हुक्म को जीव ने समझना है ।। इसीलिए गुरु जी ने कहा है :-

"नानक हुक्मै जे बुझै त  हउमै कहै न कोइ ।।२।।
Cont..

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