Saturday, 11 June 2016

तूं कितना बड़ा है ?

Hearing of His Greatness, Everyone Calls Him Great...
हर कोई तेरे बारे में सुन कर
तुझे बड़ा कहता है ।
तूं कितना बड़ा है ?
वही बताये जिसने तुझे देखा है ।
तेरा कोई मूल्य नहीं डाल सकता,
न ही तुझे ब्यान कर सकता है ।1।
हे मेरे बड़े मालिक !
तुन अथाह गहरा गुणों का खजाना है ।
कोई नहीं जानता,
तेरा कितना ज्यादा बड़ा पसारा है ।1।
वेदों को जानने वालों ने मिल कर
तेरी सूरत पर विचार किया ।
सब मूल्य डालने वालों ने तेरा मूल्य डाला । अनेकों ब्रहम बिरति जोड़ने वाले,
गुरुओं के गुरु से भी तेरी तिल मात्र प्रशंसा ब्यान नहीं कर सकता ।2।
सब सच्चाईयाँ, सारे तप,
सब नेकियाँ तथा करामाती पुरुषों की प्रशंसा, तेरे बिना किसी ने ऐसी
रिधि-सीधी प्राप्त नहीं की है ।
जब तेरी मेहर से मिलती हैं तो
छुपाई नहीं जा सकती ।3।
कहने वाला बेचारा क्या है ?
तेरी सिफ्तों के भंडारे भरे पड़े हैं ।
जिस को तूं देता है ,
उसकी अपनी क्या तदबीर है ।
हे नानक !
वो उंचा व संवारने वाला है ।4।2।
रचना: गुरु नानक देव जी, राग: आसा, बाणी: रहरासि, पन्ना 9 .
*गुरु ग्रन्थ साहिब जी*

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