वही इंसान खुश है , जो दूसरों के साथ खुद को भी माफ़ करना जानता है ।
वही आदमी खुश है, जो इस बात पर जोर नहीं देता की सिर्फ वही सही है । इस लिहाज़ से या तो कोई सही नहीं होता या सभी सही हो सकते हैं ।
वे गरीब खुश है, जिनकी गरीबी ने उन्हें कठोर नहीं बनाया ।
वे अमीर सुखी हैं,जिनकी अमीरी ने उन्हें 'अहंकार' से नहीं भर दिया ।
वह साहसी शख्स खुश है,जो अपनी जीत पर मिलने वाली 'ताली' और हार पर पड़ने वाली 'गाली' को एक तरह से लेते हैं ।
वह प्रेम काबिले तारीफ है, जिसमे दोनों एक दुसरे पर हक नहीं जताते ।
वे प्रेमी खुश हैं,जिनके प्यार को प्यार मिला ।
वे भी, जो प्रेम में हैं । और वे भी,जो बिना प्रेम के जीना जानते हैं ।
वे सब सुखी हैं, जो माफ़ करना जानते हैं,क्योंकि ख़ुशी उन्हें माफ़ करने से ही मिलेगी,इस उम्मीद से नहीं कि उन्हें इस बात का ईनाम मिलेगा ।
वे तमाम लोग सुखी हैं, जिनका दिल साफ़ है, क्योकि ऐसे साफ़ दिल लोग ही ईश्वर को देखने कि नज़र पाते हैं ।
वह शख्स सुखी है, जो किसी चीज़ कि चाहत रखता है, वह नहीं, जिसका ध्यान क्या मिला क्या नहीं में लगा रहता है ।
जार्ज लुई बोहेर्स (1899-1986 ) दुनिया के बेहतरीन कवि-लेखक "यह थे उनकी 'ख़ुशी' के बारे में उनके विचार ।
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