Tuesday, 7 June 2016

मानव जन्म का महत्व

जैसा कि हम सब जानते हैं कि संसार के सभी जीव-जन्तुओं के विभन्न प्राकृतिक गुण हैं । जिनमें पक्षी उड़ सकते हैं, मछली तैर सकती है । ऐसे ही मनुष्य में भी बहुत से अद्भुत् गुण हैं । जिनमें से सबसे महत्वपूर्ण गुण है "सोचने समझने की शक्ति"-। इसी शक्ति के आधार पर मनुष्य ने बातचीत तथा लिखने के लिये कई भाषाऐं सीख ली है । इसके साथ ही अन्य जीव-जन्तुओं की तरह तैरना, उड़ना और यहां तक कि दूसरे ग्रहों तक जाने के साधन तैयार कर लिये हैं । इन्ही सोचने,समझने,विचारने, तर्क करने, याद रखने तथा निर्णय लेने की श्रमता के कारण ही मनुष्य अन्य जीवों से महत्वपूर्ण माना गया है ।
यह माना जाता है कि विभन्न जीवों के रूप में जन्म लेने के पश्चात मनुष्य जन्म प्राप्त होता है । जो कि बहुत ही अनमोल है । क्योंकि मानव जन्म में आकर ही वो प्रभु के अस्तित्व को समझ सकता है । सभी जीवों में से मनुष्य ही अपने बड़ों से गुरु से ज्ञानवर्धक पुस्तकों से ही जान पाता है कि वो कैसे अपने अद्भुत और अमूल्य जीवन से अपना तथा दूसरों का भला कर सकता है । पर जो अज्ञानी हैं वो अपना जीवन पैसे, आनंद, परिवार तथा मौज़ मस्तियों में ही गवा देते हैं । वो नहीं जान पाते कि इस जीवन का असल मनोरथ क्या है ।

"कई जनम भए कीट पतंगा ।। कई जनम गज (हाथी) मीन (मश्ली) कुरंगा (हिरण) ।।
कई जनम पंखी (पक्षी) सरप (सांप) होइओ ।। कई जनम हैवर (घोड़ा) ब्रिख (बैल) जोइओ ।।
मिलु जगदीस (प्रभु) मिलन की बरिआ (समय)।। चिरंकाल (बहुत समय) इह देह (शरीर) संजरीआ"।।१।। (१७६)

गुरु ग्रन्थ साहिब में ऐसे बहुत से शब्द हैं जैसे
"भई परापति मानुख देहुरिआ ।। (३७८)
"कबीर मानस जनमु दुलम्भ है (१३६६)
"एह वेला फिरि हाथि न आवै (१०६५)
"लख चउरासीह भ्र्मते..(१०१७)
"मांस देह बहुरि नह पावै..(२२०)

निष्कर्ष;
हम सभी को मनुष्य का जन्म बहुत समय की इन्तजार के बाद प्राप्त हुआ है।
हमारा यही शुभ अवसर प्रभु से मिलने और जुड़ने का है ।
प्राण निकलने के समय या बाद में  पश्चाताप होगा, इसलिये अगले जन्म में फिर से इन पदार्थों मोह माया के चक्कर में ना आना पड़े । जिससे पछतावा हो कि मैंने क्यों प्रभु को भुलाया  ।

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