जो मनुष्य क्रोधी पर क्रोध नहीं, क्षमा करता है, वह अपनी ओर क्रोध करने वाले को महा संकट से रक्षा करता है / वह दोनों का रोग दूर करने वाला चिकित्सक है / - वेड व्यास.
क्रोध ओर ग्लानी से सदभावनाएँ विकृत हो जाती हैं / जैसे कोई मैली वस्तु निर्मल वस्तु को दूषित कर देती है /- प्रेमचंद.
No comments:
Post a Comment