Tuesday, 19 July 2016

रूबरू

#रूबरू   *प्रत्यक्ष मिलन*

मेरा और सिर्फ मेरा निजी तज़ुर्बा (experience) है कि;-

*फ़ेस बुक* की गहरी मित्रता के समर्थक आख़िर जब आपसी मिलन की तड़प (yearning)  के रहते *वैब कैंम*,(webcam) *मोबाइल*,(mobile) *व्हाट्सएप्प* (whatsApp)  द्वारा प्रत्यक्ष *रूबरू* (flyby) होते हैं तो थोड़े समय बाद ही उनकी *तड़प* (Yearning) लगभग समाप्त सी हो जाती है ।

क्योंकि *भूख*, *प्यास*, *इंतज़ार*, *उत्साह* (excitement) *अचरज* (surprise) में जो मज़ा है वो *तृप्ति* (orgasm)  में नहीं 

इसीलिये हमे अपनी *तृष्णा* (thirst)को सदा क़ायम रखना चाहिए । तब तक !

जब तक कि परमात्मा का *संयोग* या  *इतफ़ाक* (coincidence)  *सहज स्वभाव* (inherent nature) *प्रकर्ति* वो मिलन ना कराए ।

Gurmeet Singh Gambhir

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