Sunday, 17 July 2016

धर्म ग्रन्थ

चाहे वो किसी भी धर्म का ग्रन्थ हो प्रतेक व्यक्ति के लिए साधना, श्रेष्ठ जीवन यापन का सर्वोतम माध्यम है / धार्मिक ग्रन्थ, या कोई भी अध्यात्मक ज्ञान देने वाली पुस्तक केवल सुनने सुनाने वाली वस्तु नहीं है, यह तो आचरण में उतारने की श्रेष्ठ वस्तु है तभी इसकी उपयोगिता है, जब यह हमारे आचरण में उतरे /

No comments:

Post a Comment