श्री गुरु हरिकृष्ण साहिब जी,
कीरतपुर में लिया प्रकाश ।
सुंदर सोहणे बाला प्रितम,
कुल अँधेरे हो गए नाश ।
श्री गुरु हरिराय साहिब जी,
आकर करते दर्श दीदार ।
कृष्ण कौर जी माता देखें,
हुई खुशियाँ अपरम्पार ।
संगतों में खुशबु घुल गई,
चारों तरफ आई बहार ।
महक गया हर कोना कोना,
खिल उठा सारा संसार ।
सूरज जैसे चेहरा चमके,
दग दग करती लाली ।
नानक की फुलवारी का है,
आगया सोहना सुंदर माली ।
भक्ति और शक्ति के सूरे,
अमित गुरु की है बढ़ियाई ।
'सहज' गुरु अवतार धारिया,
चारों तरफ हुई रोशनाई ।
अर्श से हुई अमृत वर्षा,
परियों ने आ महिमा गाई ।
परोपकारी आ गए सतगुर,
सब ने भर-भर ख़ुशी मनाई ।
हिंदी अनुवाद;
Gurmeet Singh Gambhir
रचना:
Harminder Singh Sehaj
Thursday, 28 July 2016
बाला प्रितम
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