#किशोर_अवस्था
#Teenage
मुझे नहीं पता कि मेरी इस बात से कोई इत्फ़ाक रखता है कि नहीं , पर मैं अपनी बात को कहे बिना नहीं रह सकता कि किशोर अवस्था यानि टीनएजर स्टेज में जो हमारे समय हमारे पेरेंट्स व गवर्नमेंट घर पर या स्कूल में जो पाबन्दियाँ लगाते थे, वो शत प्रतिशत जायज़ थी।
#Teenage
मुझे नहीं पता कि मेरी इस बात से कोई इत्फ़ाक रखता है कि नहीं , पर मैं अपनी बात को कहे बिना नहीं रह सकता कि किशोर अवस्था यानि टीनएजर स्टेज में जो हमारे समय हमारे पेरेंट्स व गवर्नमेंट घर पर या स्कूल में जो पाबन्दियाँ लगाते थे, वो शत प्रतिशत जायज़ थी।
जिस पर इन दिनों दी जा रही दोनों समाज (घर परिवार व शिक्षा विभाग) द्वारा छूट से हर कोई किसी न किसी सूरत में नुकसान झेल रहा है। बेशक कोई किसी दबाव में ऐसा माने या नहीं।
यहां यह भी बात उठेगी कि अधेड़ अवस्था में हर कोई मा-बाप ऐसी बातें करने लगते हैं। पर मैं दावे के साथ कह सकता हूँ कि हमारे समय की शिक्षा प्रणाली में छठी क्लास से ट्वेल्थ तक जिन स्कूलों में किशोर बच्चों को पढ़ाई लिंग-भेद को समझ अलग अलग शिफ्ट में करवाई जाती थी, वो व्यवस्था किसी हद तक ठीक थी।
यहां यह भी बात उठेगी कि अधेड़ अवस्था में हर कोई मा-बाप ऐसी बातें करने लगते हैं। पर मैं दावे के साथ कह सकता हूँ कि हमारे समय की शिक्षा प्रणाली में छठी क्लास से ट्वेल्थ तक जिन स्कूलों में किशोर बच्चों को पढ़ाई लिंग-भेद को समझ अलग अलग शिफ्ट में करवाई जाती थी, वो व्यवस्था किसी हद तक ठीक थी।
शिक्षित व समझदार पेरेंट्स को इस नए युग की नई व्यवस्था के विषय पर खुल कर विश्लेषण से हो सकता है, हमारे युवा वर्ग सहमती न रखें, पर हमारा दिल ही जानता है,कि आने वाले समय में इस पश्चमी सभ्यता से क्या क्या नुकसान होने जा रहा है, वो या तो हमारा वर्ग जान गया है या वक्त ही बतलाएगा।
#Seriously
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