Saturday, 11 August 2012

"मैं बेस्ट हूँ !"

"मैं बेस्ट हूँ ।" "मैं अब एक लेजेंड हूँ।":बोल्ट (एथलीट)।
जब भी कोई मनुष्य बहुत भारी सफलता हासिल करता है तो वह अपने आप को बहुत महान [लेजेंड] कहता है। बेशक वो महान है, पर स्वयं अपने आप को लेजेंड कहना अहंकार अथवा अभिमान की निशानी है।
यदि मनुष्य को लोग  लेजेंड कहते हैं, तो वो सचमुच का लेजेंड है। इसलिए उसे विनम्र होकर ही खुशी जाहिर करनी चाहिए। यह बात हैरान करती है कि जीवन के किसी भी क्षेत्र मे जब हम कोई विजय हासिल करते हैं, तो उसमें हमारा उन्माद का भी एक क्षण होता है। हमारी उपलब्धि या विजय जितनी दुर्लभ होती है, उन्माद उतना ही प्रबल होता है।
हालांकि बोल्ट खुद को लेजेंड नहीं भी कहते तो भी वे लेजेंड कहलाते और दूसरों की आलोचना का शिकार नहीं बनते।

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