तुम्हारी कोई सीमा या किनारा नहीं, तुम्हारा कोई दुश्मन नहीं है /
तुम्हे किसी सहारे की जरूरत नहीं, तुम किसी जन्म में नहीं आते हो /
तुम पहुँच से दूर, जन्म से रहित, तत्वों से रहित, छुहे जाने से दूर हो /
तुम्हें देखा नहीं जा सकता, चिंता से रहित, कर्मों से रहित, भर्म से रहित हो /
तुम ना किसी से जीते जाने, निडर, न हिलाए जाने वाले और न पकड़ में आने वाले हो /
तुम कभी मान नहीं करते, हर एक वस्तु का भण्डार, अनेक होते हुए भी फिर से 'एक' हो //४३//
तुम्हे किसी सहारे की जरूरत नहीं, तुम किसी जन्म में नहीं आते हो /
तुम पहुँच से दूर, जन्म से रहित, तत्वों से रहित, छुहे जाने से दूर हो /
तुम्हें देखा नहीं जा सकता, चिंता से रहित, कर्मों से रहित, भर्म से रहित हो /
तुम ना किसी से जीते जाने, निडर, न हिलाए जाने वाले और न पकड़ में आने वाले हो /
तुम कभी मान नहीं करते, हर एक वस्तु का भण्डार, अनेक होते हुए भी फिर से 'एक' हो //४३//
No comments:
Post a Comment