Thursday, 16 August 2012

ग़र' [शायरी]


आपके हाथ में है आज 'ग़र'
कल भी आपके हाथ में होगा।
भूत-भविष्य की चिंता न कर,
वर्तमान ध्यान में लाना होगा
  • जन्म लेना महान कार्य नही़ महान साबित होने के लिये महान कार्य करने पड़ते हैं
     ·खून-ए-वफ़ा से डरता हूँ अपने,
    कहीं आशिकी बंदगी न हो जाए/

  •  

    पहुँचेंगे उस अवसर के पास
    ग़र हो मेहनत और लगन अपनी
    बजाय इंतजार करने को, उस अवसर का।
    क्योंकि पता नहीं समय कितना लग जाए।
    दुसरों के लिये कुछ सोचना,
    ग़र' तब भी, जब
    अपनी स्थिति हो खराब
    रोशनी दिखलाओ उन्हें
    राह ख़ुद-बा-ख़ुद मिल ही जायेगी।
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    आधी मंजिल तय।
    ग़र' यकीन है,आपको खुद पे,कुछ करने को।
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    स्वर्ग की ओर बढते कद़म,
    ग़र' किया तय,
    उपकार का कुछ काम,करने को,
     पर पछताये बिना/करना है तय,
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    अपना एक टारगेट
    ग़र' नहीं जानते आप
    कोई मंजिल--निशां
    व़रना नहीं पहुंच पायेंगे
    कहीं भी, कभी भी।
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