Thursday, 23 March 2017

confession

गुरु जी की कृपा से, आज मुझे मेरे ही कहे निंदा भरे शब्दों को confession करने का मन है कि अक्सर मैं किसी चलते topic पर अपने कखग रिश्तेदार की इस बात पर निंदा करता रहता था कि मैंने फलाने प्रदेश के एक रिश्तेदार के बेटे की दिल्ली में पढ़ाई, जॉब, रहने, खाने-पीने इत्यादि के सबंधी मदद की थी , और वो लड़का और उसके परिवार वाले सफलता की सीढ़ी पर चढ़ 'एक बात' पर बिना किसी शुक्रिया के लफ्ज़ के बोले हमारे से इतनी दुरी बना ली कि पूछो ही मत! उसकी शादी तक भी नहीं बुलाया।
पर, अब उसी गुरु की ही कृपा से, वो बात, जो  अक्सर महफ़िल में स्वार्थहित, मैं अक्सर भूल ही जाता रहा,कि उन्हीं समय के दौरान जब उस लड़के ने एक दिन suddenly हुई मेरे High Blood Pressure की emergency में मुझे In time  हॉस्पिटल तक पहुंचाया। जिससे मेरी जान बच सकी । सो खेद सहित माफ़ी।

#Seriously,

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