Sunday, 5 March 2017

Their old age come & youg age is lost

Old Age Come & Youth Age is Lost.

Their Horses With Saddled,
As Fast As Wind.
Their Homes Decorated in Every Way,
Their Houses,Pavilions &Lofty Mansions,
Their Dwell making Ostentatious Shows,
They Act Out their Minds' Desires,

They Don't Understand TheLord, So..
They're Ruined,
They're Asserting their Authority
They're Eat, Beholding their Mansions

They're Forget about their Death. But
Their Old Age Come & Youth is Lost.

गुरु नानक जी ने इस आसा राग के शब्द की अठारवीं पौड़ी में सोहलवीं सदी के धनी व्यक्तियों के अपने धन पदार्थों से मिलते आराम, सामान, रहने के संसाधनों का वर्णन करते हुए उनके तैयार घोड़े, जो कि हवा से भी तेज गति से दौड़ने की श्रमता रखते है, उनके ऊँचे महल, सजे हुए कमरे, उनके मन पसन्द भोजन, उनके रंग रैलियों से लेते आंनद का जिक्र करते  हैं।
उन्हें अपने शब्दों में अहंकारी, प्रभु की पहचान भूलने वाला, अपनी जवानी के नशे में , जो मौत का समय मांग कर उसे भुलाने वाला बताया है। और सावधान करने की कोशिश की है कि इस जवानी के जोश में अपनी वो ताकत खो बैठा है जिसके लिये तूने परमात्मा से इस जन्म के समय की मोहलत मांगी थी, पर जब जवानी हार जाएगी और बुढ़ापा सिर पर होगा तो तू उस काबिल ही नहीं रहेगा और यह जन्म छूट जाएगा।

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