Saturday, 25 March 2017

No Obstacles to Meet in NAAM Path.

No Obstacles, To Meet The NAAM's Path.

Those Who, as GURMUKH Meditate
On The NAAM The Name of The Lord
No Obstacles in their Path.

Those Who, are Pleasing,
To The Almighty The True Guru
Are No Worshipped by Everyone.

Those Who, Serve their Beloved ,
The True Guru,
Obtain, The Eternal Peace.

Those Who, Meet The True Guru,
Nanak Says
The Lord Himself Meets The GURMUKH*.

जिन्होंने अपने सच्चे गुरु की शिक्षा के अनुसार
प्रभु का "नाम"  सिमरन किया हैं, उन्हें अपना जीवन व् उनके जीवन के सफर में फिर से जो पांच तरह के विकार बताए गए है, के लालच इत्यादि रुकावटें (विघ्न)  नहीं आती, क्योंकि परमात्मा स्वंय रक्षक बन इन रुकावटों को दूर रखता है।
जिन्होंने अपने जीवन का आचरण ऊँचा और स्वच्छ रखने में समर्थ है, वो लोग गुरू को प्रसन्न कर उनकी नज़रों में मान-सम्मान पाते हैं।
जिन्होंने अपने सच्चे गुरु की बताई सेवा , यानि उनकी ओट का आसरा ले उनके बताए रास्ते पर चले हैं, उन्हें अपने जीवन के सांसारिक रास्ते पर चलते चलते भी आत्मिक आंनद प्राप्त मिलता रहता है।

गुरु नानक जी, अपनी उच्चारण किये इस निम्न लिखत शब्द में , जो कि आसा राग में गाया जाता है और जो गुरु ग्रन्थ साहिब जी में 474 नम्बर पेज़ पर दर्ज है, के अंतिम पंक्ति में कहा है कि
जिन्होंने अपने सच्चे गुरु को अपनी स्वंय की मत, मनमर्ज़ी के सभी विचार  भेंट स्वरूप सोंप दिए हैं, उनका परमात्मा,आप ही हर स्थान सहायक हो आप मिलकर खड़ा रहता है।

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