Tuesday, 7 March 2017

If Accepts of Impurity, Impurity is Everywhere

#Impurity_WashedAway by #SpiritualWisdom

If on Accepts TheConcept of Impurity,
Then There's Impurity Everywhere.

In The CowDung&Wood,
They're Worms.

AsManyAs're TheGrain of Corn,
None is TheWithoutLife.

1st There's Life in TheWater,
By which Everything else  is made Green,

How can it be protected from Impurity?
It Touches Our Own Kitchen.

ONanak! Impurity can't be Removed
In this Way;
Washed Way only SpiritualWisdom.

यदि यह धारणा मान लें कि अशुद्ध (सुतक) है, तो सन जगह अशुद्ध है।

पुराने समय की धारणा की गाय के गोबर से पौछा लगाने से जमीन शुद्ध होती है, तो फिर यह भी जानकारी रखो कि गोबर में भी जीवित कीड़े रह रहे होते हैं।

अनाज के दानें जिसे हम पीस कर आटे की रोटी बना कर खा जाते हैं, उन दानों में भी जीव बस्ते हैं।

जो हम पानी पीते है, उनमें भी सूक्ष्म कीटाणु जीव जी रहे होते हैं।

हमारी रसोई जिसमें हम खाना बनाते है, उनमें भी कई किस्म के जीव रहते हैं।

यह अशुद्धता ऐसे नहीं उतरती, हमने यह एक भृम वहम पाला हुआ है ।
नानक कहते हैं, कि पहले जो अशुद्धि हमारे मन में है, उसे धोइये, और वो भी ज्ञान से, आध्यात्मिक ज्ञान से ही सब शुद्ध होगा।

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