#दुआपर_युग (Brass Age) #यजुर_वेद
#श्रीकृष्ण
#जुज_महि_जोरि_छली_चंद्रावलि.
दुआपर युग में यजुर वेद के अनुसार जगत के मालिक का नाम "सांवल जादम (यादव) प्रसिद्ध हो गया।
जिसके ज़ोर से चन्द्रावली को छल लिया ।
कहते हैं, इंद्र देवते के बाग़ 'नन्दन', में पांच श्रेष्ठ व्रक्ष में से एक व्रक्ष का नाम 'पारजात' था। जब देवतों ने मिलकर 'समुन्द्र' को हिलाया, तो उसमें से चोदहं रत्न निकले, जिनमें एक पारजात व्रक्ष था। कृष्ण ने वह व्रक्ष को नन्दन नाम के बाग़ से उखाड़ कर "सत्यभामा के बाग़ में लगा दिया था ।
यह सत्यभामा, राजा सत्राजित की लड़की थी तथा श्री कृष्ण की प्यारी स्त्री।
इंद्र देवते के बाग़ 'नन्दन' में पांच श्रेष्ठ व्रक्ष जो थे उनके नाम, 1, मंदार 2, पारजात, 3, सन्तान, 4, कल्प-व्रक्ष, 5, हरिचंदन ।
चन्द्रावली, एक गोपी का नाम है । यह राधा की चचेरी बहन थी । राधा के पिता वृन्दभान के बड़े भाई चन्दभान की एक लड़की थी 'चन्द्रावली, जो गोवर्धन से ब्याही थी, जो करला नाम के गाँव की रहने वाली थी । जिसने अपनी गोपी सत्याभामा की खातिर पारजात व्रक्ष, जो इंद्र के बाग़ 'नन्दन' से कृष्ण ले आया था, तथा जिसने व्रन्दावन में रासलीला' खेली थी ।
(याद रहे इस मिथ्या कहानी को यहां गुरु नानक जी के इस शब्द जो कि 'गुरु ग्रन्थ साहिब' में दर्ज है, को समझाने के लिए एक रेफरेंस के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है)
He bought The-Eysion, Tree for his Milk-Made & Reveller in BRINDAABAN.
#Aasa _Di_Waar. #SGGS. Cont..
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