Sunday, 14 May 2017

वक्त

हो सुख-दुख की घड़ी,
जैसे-तैसे बीत जाता है 'वक्त' ।

हम पर आज है,
कल दूसरे का आता है 'वक्त' ।

हम पर मुश्किल पड़ी, 
ख़ास   ही कोई दे पाता है 'वक्त' ।

उन पर मुश्किल,रब न करे,
'गंभीर' जरूर दे पाता है 'वक्त' ।

No comments:

Post a Comment