हो सुख-दुख की घड़ी, जैसे-तैसे बीत जाता है 'वक्त' ।
हम पर आज है, कल दूसरे का आता है 'वक्त' ।
हम पर मुश्किल पड़ी, ख़ास ही कोई दे पाता है 'वक्त' ।
उन पर मुश्किल,रब न करे, 'गंभीर' जरूर दे पाता है 'वक्त' ।
No comments:
Post a Comment