ईश्वर चाहे भूल जाए , भक्ति से उतराया जाता है ध्यान।
ईश्वर का चिंतन हो तो, एकाग्रता से स्वंय आता है ध्यान।
ईश्वर चित में चंचलता दूर हो, साधना से जमता है ध्यान।
ईश्वर के नाम कई ईष्ट बने, धरा-धरा रह जाता है ध्यान।
ईश्वर प्राप्ती में निज़-स्वार्थ हो, सिर पे चढ जाता है ध्यान।
ईश्वर स्मर्ति विचारों मे बनी रहे, बार-बार आता है ध्यान।
ईश्वर आस्था से आश्वस्त हो, गहरा डूब-सा जाता है ध्यान।
ईश्वर पथ पर चलने से कोई रोके, भूल-सा जाता है ध्यान।
ईश्वर को निरंतर स्मर्ण रख, दिल से लगाया जाता है ध्यान।
ईश्वर के प्रति चिंतन हो, 'गंभीर'ता से जगाया जाता है ध्यान।
No comments:
Post a Comment