Sunday, 28 May 2017

सोशल मीडिया एक प्लेटफार्म है

सोशल मीडिया एक ऐसा प्लेटफॉर्म है, यदि व्यक्तिगत परिचितों को अलग रखें, तो लगता है कि हम उन रूहों से बातचीत करते हैं, जहां के मित्रों में हमारा न कोई बिज़नेस का पार्टनर है,न कोई रिलेटिव। किस के पास कितना पैसा है, कितनी बड़ी कोठी है या कार। कोई मतलब नहीं ।इन  संबधों से,और होना भी नहीं चाहिए।

जो कोई अपनी प्रोफाइल में इस संबधी स्टेटस डालता भी है, तो दूसरे को, जो पहले से ही इन लफड़ों से तंग आकर किसी सकून के लिए इस प्लेटफॉर्म पर आया है, इग्नोर करना चाहिए। और उन लोगों से भी बचना चाहिए, जो एक दूसरे के व्यक्तिगत जानने के इच्छुक होते हैं ।

कई बार ऐसा होता है कि जब कभी हम और आप ज़ज़्बात में आकर एक दूसरे के पर्सनली हो कर अपने मोबाइल, शहर, मलाकात वाला सम्पर्क बड़ा कर मिलने की कोशिश करते हैं या मिल भी जाते हैं तो आपको उस मित्र संबधी जो प्यार, जज़्बात, इम्प्रेशन  एक्ससिटमेंट जैसी भावनाएं  पहले अपने दिल-के-दिमाग में बैठा रखी होती हैं, वो तृष्णा जैसी प्यास बुझ जाती हैं, उल्टा वो मित्र उसी स्वभाव चरित्र वाला न निकल पाने के कारण मन अलग से टूट जाता है। और कभी कभार तो मन उस पछचाताप  की अग्नि में ही ध्वस्त हो जाता है, जिन बेवफ़ाइयों और विश्वासों को छोड़कर वो इस पथ पर आया था।

अतः इस शोंक को , जो आपकी नासमझी से रोग बन जाता है को स्वस्थ अवस्था में रखे रहने के लिए इस सोशल मीडिया वाली स्टेज पर सिर्फ प्यार बांटना चाहिए और आशीर्वाद का ही आदान प्रदान करते हुए अपने धार्मिक विचार , देश के प्रेम संबधी होंसले, नई वैज्ञानिक टेक्नलॉजी की जानकारी तथा और सामाजिक व राजनीतिक कार्य प्रणाली की बातचीत करना ही श्रेष्ठ रहता है ।

हां! आप अपने मित्रों से बिना किसी का नाम पता लिये किसी शारीरक, घरेलू ,मेडिकल, सोशल, इत्यादिक समस्याओं तथा सुझावों को भी अपनी चैटिंग का हिस्सा बना सकते हैं। यदि आप में सच्चा प्यार होगा तो कुदरत बगैर अपनी कोशिश के ही आपको इस जन्म या किसी दूसरे सम्पर्कों द्वारा उनसे मिलवायेगी जरूर।

#Seriously

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