#नाम_क्या_है ?
"नाम" से भाव #गुण है, चाहे वो परमात्मा या परमात्मा की किसी भी रचना अथवा कुदरत के किसी भी रूप तथा रंग से मिलते संसारिक सुख हों, जिससे देख,सुन ,सूंघ,स्वाद तथा महसूस कर मन की सकून, तन को तंदरुस्ती मिले, उस नाम के इन्हीं गुणों के विषय की विशेषता की दूसरों के साथ प्रशंसा, विचार तथा "व्यख्यान" करना तथा इस रचना से मिलते शारीरक व आत्मिक सुख व लाभ का धन्यवाद करते रहना नाम के "सिमरन" का ही एक रूप है।
#Seriously
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