सत्यम जयते स्टार प्लस रविवार ११ बजे (दिनांक 13/5/2012)
आज का यह प्रोगराम देख कर जिसका विषय :बच्चों के साथ यौन शोषण' जो आपने भी जरूर देखा होगा । यदि नहीं देखा तो इसका रिपीट टैलीकास्ट जरूर देखीए गा ।
अमिर ख़ान के इस कार्यक्रम मे आप का तो पता नहीं, मेरी आंखें जरूर भर आईं, और मन कांप गया कि नज़दीक से नज़दीक रिशतों में भी ऐसा हो सकता है । जबकि मेरी उम्र के सार्वजनिक जीवन के तजुर्बे के अनुसार यह शोषण कोई नई बात नहीं है, पर इतने नजदीकी रिशतेदार भी ऐसा अपराध कर सकते हैं, विशवास नहीं था ।
बेशक मेरा लड़का यह लेख पढेगा, पर मैं अपना तजुर्बा आपके साथ शेयर जरुर करुंगा:- मेरी तरह मेरे भाईयों का भी ट्रांसपोर्ट लिंक था । मेरी उम्र १३-१४ साल की रही होगी । कक्षा पास कर गर्मी की छुटीयों मे मैने ट्रक के साथ लम्बे रूट पर जाने की जिद्द पकड़ ली और बिहार-उड़ीसा की ओर १५ दिनों के लिए स्टाफ के साथ चल पड़ा। कियोंकि ड्राईवर पुराना था सो घर वालों को कोई परेशानी नहीं थी । पर रस्ते मे जो हुआ वो कम से कम मेरे ख्याल से मेरी उस समय की उम्र के लड़कों के लिए रोंगटे खड़े कर देने वाला था । रात का समय था, एक 45-50 साल का फौजी लिफ्ट ले कर गाड़ी मे चढ कर मेरे पास बैठ गया । उसका सफ़र तीन घण्टे का था । इसी बीच उस फौज़ी ने मेरे साथ जो हरकतें करनी शुरू की , जो मेरे बर्दाशत के बाहर थी । क्योंकि वो फ़ौजी वर्दी मे था सो मैं थोड़ा डर गया । वो ज़माना निक्कर पहनने का था, जिस्से परेशानी ज्यादा हो रही थी। जब तक वो गाड़ी से नीचे नहीं उतरा, मेरी परेशानी का सब़ब बना रहा । मेरे से यह भी ना हो पाया कि ड्राईवर को कुछ कह सकूं । वो दिन और आज का यह प्रोग्राम मुझे इतनी गर्मी मे भी कंपकंपी दे गये ।
Friday, 13 May 2016
बच्चों का योन शोषण ।
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