Tuesday, 17 May 2016

एक की आशा

#एक_की_आशा (Chapter-7) 19516
                प्रभु से परिचय, गुरु कौन है, गुरु के विचार, गुरु का अध्यन, गुरु की शिक्षा और अब गुरु की पहली शिक्षा कि परमात्मा एक है और हमें एक पर ही विशवास करना है । इसलिये हमें जो भी प्रार्थना करनी है, वो एक परमात्मा के आगे अपने गुरु ग्रन्थ साहिब जी को समक्ष हो कर या उनको साक्षी मानकर ही हो ।
             एक विश्वास, जैसे हम आपरेशन के दौरान अपने डॉक्टर पर करते हैं, जैसे, ड्राईवर पर या पायलट पर यात्रा के दौरान करते हैं ।  एक प्रभु है,कहना,लिखना, बहुत सरल है। समझना और मानना बहुत ही मुश्किल । गुरु ग्रन्थ साहिब की रचनाओं की आरम्भता एक से हुई है। ताकि हमारा विशवास एक पर बना रहे  । परन्तु हमारा स्वभाव ऐसा है क़ि हम केवल उन्ही चीजों को याद रखते हैं  जिसकी आवश्यकता हमारे रोज़ के जीवन में पड़ती है, जैसे घर, परिवार के लोग, पता, मोबाइल नंबर, पासवर्ड, इत्यादि। गुरु साहिबानों, भक्तों, रागों, गुरसिखों,शहीदों, सिख इतिहास, इत्यादि के नाम याद नहीं रह पाते ।
                 एक परमात्मा के अतिरिक्त और किसी पत्थर, पहाड़, पेड़, नदियां,तथा मनुष्य इत्यादि पर विशवास कर पूजा करने से दुखों के सिवा कुछ नहीं मिलता ।

No comments:

Post a Comment