कोई फर्क नहीं, बहुत आसान है सिखी धारण करना !
विध्यालय : गुरुद्धारा साहिब /
ऐडमिशन : अंमिर्त पान /
प्रार्थना : सरब़त का भला /
शिष्य : सिख/
शिक्षा: सिखिया/
प्रिंसीपल : अकाल पुरख (परमेश्वर}
अध्यापक : गुरू
मोनीटर : सभी गुणो से भरपूर ग्रन्थि/प्रधान/मुख्य/जत्थेदार
यूनीफार्म : पाँच ककार् (केस, कंघा, कशहरा, किरपान, कड़ा /
क्लास वर्क : सिमरन, किर्तन-कथा सुनना / समझना/मानना
होमवर्क : नितनेम / पाँच बाणी पढना /
पाठ : शब्द गुरूबाणी /
सब़क : नेकी करना, बांटकर खाना,पराई स्त्री या धन पर बुरी नज़र नहीं डालना,नशा नहीं करना /
नतीज़ा : कर्म अपने-अपने, कोई नज़दीक, कोई दूर / मुक्ती
प्रमाण पत्र : गुरु की खुशियाँ तथा बखशीश।
Wednesday, 4 May 2016
सिख (शिष्य)
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