#ईर्षा:- ईर्षा भाव मनुष्य के लिए जीवन की सफलता में सबसे बड़ी रुकावट है । यदि दो व्यक्तियों में से कोई आगे निकल जाता है तो पिछले के मन में आगे वाले के प्रति ईर्षा उत्पन्न हो जाती है । यदि ईर्षा उसकी प्रगति में बाधक बन जाती है तो उस व्यक्ति को प्रत्येक स्थिति में सहज स्वभाव धारण करते हुए अपना कर्म निरंतर करते रहना चाहिए । इस से जीवन में शांति रहती है ।
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